archmage | Date: Monday, 30-May-2011, 2:56 PM | Message # 1 |
-- dragon lord--
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आरती श्री गंगा जी की
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फ़ल पाता. ॐ जय ... चन्द्र-सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता. ॐ जय ... पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता कृपा दृष्टि हो तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता. ॐ जय ... एक बार जो प्राणी, शरण तेरी आता यम की त्रास मिटाकर, परमगति पाता. ॐ जय ... आरती मातु तुम्हारी, जो नर नित गाता सेवक वही सहज में, मुक्ति को पाता. ॐ जय..
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Message edited by sanju - Monday, 30-May-2011, 2:57 PM |
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Manu | Date: Tuesday, 12-July-2011, 12:59 PM | Message # 2 |
--dragon lord--
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